the world is going nuts..

the more you solve, more confusing it gets..

मेरी पीड़ा. …

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तुम्हारे मन की मंशा, मेरा दिल दुखाने की न हो शायद,
पर तुम्हारे शब्दों की कठोरता, मेरे दिल पर एक गहरी छाप छोड़ देती है।

वक़्त की धूल ढक देती है उन ज़ख्मो को कुछ पलों के लिए,
और फिर से वही कर्कशता एक लहर की तरह आकर, उस धुल को हटाकर
मेरी पीड़ा का एहसास कराती है मुझे।

ऐसा लगता है इस चक्र में फंसा हूँ कबसे ,
क्या सही है? सब सहना या कुछ कहना?
पर फैसला कर नहीं पाता हूँ कभी, और फिर हंसकर,
तैयार करता हूँ खुद को एक और चक्र के लिए।

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